एम्बुलेंस सुविधा नहीं मिलने पर हाईकोर्ट सख्त, रेलवे और स्वास्थ्य विभाग से मांगा जवाब
11 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण इलाज में देरी हुई, जिसकी वजह से मरीज की मौत हो गई

बिलासपुर | हाईकोर्ट ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन (Bilaspur Railway Station) में एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर स्वास्थ्य विभाग और रेलवे की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि, राज्य सरकार की मुफ्त की योजनाएं हैं, फिर भी लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इस दौरान हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव और बिलासपुर रेलवे के डीआरएम के जवाब मांगा है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि, व्यवस्था सुधार के लिए क्या किया जा रहा है इसकी पूरी जानकारी काेर्ट में पेश करें। इसके साथ ही यह बताने को कहा है कि इमरजेंसी में एम्बुलेंस सुविधा आखिर उपलब्ध क्यों नहीं हो पाती।
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, राज्य सरकार कैंसर पेसेंट को एंबुलेंस नहीं दिला पा रही है, रेलवे में भी अस्पताल है। जिसके बाद भी महिला को एंबुलेंस नहीं मिली। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि, राज्य सरकार लोगों को फ्री एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करा रही है, जिस पर कोर्ट ने कहा कि डिवीजन बेंच ने कहा कि यह तो स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही है। फिर मरीज को एंबुलेंस नहीं मिला तो उसकी जान ही चली गई। हाईकोर्ट ने रेलवे और स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा है।
आपको बता दें कि, दंतेवाड़ा में एम्बुलेंस नहीं मिलने से मरीज की मौत हो गई और बिलासपुर रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित महिला का शव ले जाने एंबुलेंस सुविधा नहीं मिलने को लेकर हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की है। याचिका के मुताबिक, राजधानी रायपुर से बिलासपुर आकर यहां से बुढ़ार जाने के लिए ट्रेन में सफर कर रही एक कैंसर पीड़ित महिला रानी बाई की मौत हो गई। ट्रेन के बिलासपुर पहुंचने पर शव को उतारकर कुली की मदद से उन्हें स्ट्रेचर से गेट नंबर एक के बाहर तक लाया। जहां पर एंबुलेंस का ड्राइवर गायब था।
थोड़ी देर बाद ड्राइवर आया, लेकिन बॉडी ले जाने से मना कर दिया। जिसके बाद महिला के परिजनों के परिचितों के जरिए दूसरे एंबुलेंस का इंतजाम किया और वहां से एक घंटे बाद रवाना हो गए। उन्हें बिलासपुर से शाम वाली ट्रेन पकड़कर बुढ़ार जाना था। वहीं, दंतेवाड़ा जिले के गीदम में 11 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण इलाज में देरी हुई, जिसकी वजह से मरीज की मौत हो गई। इस दौरान परिजन बार-बार 108 को कॉल करते रहे लेकिन, सुबह के बजाए एंबुलेंस रात में आई। जिसके चलते मरीज की जान चली गई। वहीं इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है।